मय महफ़िल में हमको यू,
रूसवा करके चल दिये।
प्यासी निगाहों को प्यार का जाम,
दिखा के चल दिये।
खुशियों भरे इस समंदर में,
गम का मोती बना के चल दिये।
क्या खता थी हमारी जो
इस तरह सजा दे के चल दिये।
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