Best makar sankranti poem in hindi
मकर राशि में सूर्य प्रवेश
ऊष्म क्रांति का शुभ संदेश
उत्तरायण भुवन भास्कर
लहराए किरणों का केश।
तिल - तिल कर दिन
बढ़ते जाएं
तिल - गुड़ का पकवान लुभाए
लोहड़ी ,बिहू ,पोंगल मिलकर
नववर्ष का बिगुल बजाएं।
शीत ऋतु का होवे अंत
मदमाता फिर आएं बसंत
शिशिर-ग्रीष्म की संधिबेला
सरसों के फूले दिग दिगंत।
देश भर में पतंग महोत्सव
नभ निरभ्र रंगो का उत्सव
मांझे से जो लड़े पेंच तो
दूर शितिज पर झलके
उद्भव।
गजक , रेवड़ी ,
तिल की पट्टी
बीती यादें रहें न खट्टी
नया साल नवरस की आस
रिश्तों में छाए मिठास।
डॉ. शिराली रुनवाल
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मकर राशि में सूर्य प्रवेश
ऊष्म क्रांति का शुभ संदेश
उत्तरायण भुवन भास्कर
लहराए किरणों का केश।
तिल - तिल कर दिन
बढ़ते जाएं
तिल - गुड़ का पकवान लुभाए
लोहड़ी ,बिहू ,पोंगल मिलकर
नववर्ष का बिगुल बजाएं।
शीत ऋतु का होवे अंत
मदमाता फिर आएं बसंत
शिशिर-ग्रीष्म की संधिबेला
सरसों के फूले दिग दिगंत।
देश भर में पतंग महोत्सव
नभ निरभ्र रंगो का उत्सव
मांझे से जो लड़े पेंच तो
दूर शितिज पर झलके
उद्भव।
गजक , रेवड़ी ,
तिल की पट्टी
बीती यादें रहें न खट्टी
नया साल नवरस की आस
रिश्तों में छाए मिठास।
डॉ. शिराली रुनवाल
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